राह संघर्ष की जो चलता है,वहीं संसार बदलता है।
जिसने रातों से जंग जीती है, सुबह सूर्य बनकर वहीं चमकता है।।
विद्यालय" प्रकाश माडर्न स्कूल " की नींव हमारे श्रद्धेय देवतुल्य आदरणीय पिताजी श्री युधिष्ठिर मौर्य व माता जी श्रीमती गेंदा देवी जी के विचारों से प्रेरित होकर मैं स्वयं प्रेम प्रकाश मौर्य व मेरी जीवनसंगिनी श्रीमती राजेश्वरी मौर्य द्वारा 26जून सन् 2002 को रखी गई |
आप एक साधारण से गांव -सिरसा बिछुरैया, पोस्ट -बल्लिया, तहसील -आंवला, जिला -बरेली में जन्में ,आपने कड़ी मेहनत और लगन से 1956में रुहेलखंड विश्वविद्यालय से बी.एस .सी. की।आपका हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, फारसी आदि भाषाओं पर विशेषाधिकार प्राप्त था आप उच्च कोटि के वैद्य एवं कवि थे।आपने अपनी कविताओं के माध्यम से समाज को अन्धविश्वास, रुढ़ियों और कुरीतियों से मुक्त कराने का प्रयास किया इसके साथ ही आपने मांसाहार का विरोध कर लोगों को शाकाहारी बनने के लिए प्रेरित किया। शिक्षा के क्षेत्र में लोगों को जागरूक करने के लिए घर -घर जाकर शिक्षा रूपी दीपक की लौ जलाई, जिसका परिणाम आप आज विद्यालय के रूप में देख रहे हैं।
विद्यालय का मुख्य उद्देश्य -विद्यालय के सभी छात्र -छात्राओं का सर्वांगीण विकास कर उत्तम शिक्षा प्रदान करना , चरित्रवान बनाना आदि,व छात्र -छात्राओं को जीवन के प्रति सजग कर सेवार्थ कार्य करने के लिए प्रेरित करना एवं ग्रामीण क्षेत्र में शहर जैसी शिक्षा प्रदान करना है।
प्रति वर्ष विद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति के पथ पर अग्रसर होकर अपनी सेवाएं देने में वचनबद्ध है।
साथ ही शिक्षा के प्रति रुचि, अनुशासन, समय पालन ,नैतिक मूल्यों को छात्रों में विकसित करने के लिए भी तटस्थ हैं।
पूज्य पिताजी एवं माता जी की प्रेरणा, उत्साहवर्धन एवं आशीर्वाद से समाज को "ज्ञान के प्रकाश "से प्रकाशित करते रहेंगे।
" शिक्षा वो शेरनी का दूध है जिसे जितना ज्यादा जो पीयेगा वह उतना ही ज्यादा दहाड़ेगा।। "
- प्रेम प्रकाश मौर्य
( प्रबन्धक)
प्रकाश माडर्न स्कूल आलमपुर जाफराबाद (बरेली)