त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव ।
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव
त्वमेव सर्वं मम देव देव ।।
वह शक्ति हमें दो दयानिधे ! कर्तव्य मार्ग पर डट जावें ।
परसेवा पर उपकार में हम , जगजीवन सफल बना जावें ।।
हम दीन दुःखी निबलों बिकलों के सेवक बन सन्ताप हरें ।
जो हैं अटके भूले भटके , उनको तारें खुद तर जावें ।
छल दम्भ द्वेष पाखण्ड झूठ , अन्याय से निशिदिन दूर रहें ।
जीवन हो शुद्ध सरल अपना , शुचि प्रेम सुधारस बरसावें ।
निज आनमान मर्यादा का प्रभु , ध्यान रहे अभिमान रहे ।
जिस देश राष्ट्र में जन्म लिया , बलिदान उसी पर हो जावें ।
वह शक्ति हमें दो दयानिधे ! कर्तव्य मार्ग पर डट जावें ।।
जन गण मन अधिनायक जय है ।
भारत भाग्य विधाता ।।
पंजाब , सिन्धु गुजरात मराठा । दाविण उत्कल बंगा ।।
विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा । उच्छल जलधि तरंगा ।।
तब शुभ नामे जागे । तब शुभ आशिष माँगे ।।
गाहे तव जय गाथा ।
जन गण मंगलदायक जय है ।
भारत भाग्य विधाता ।।
जय हे ! जय हे ! जय हे ! जय जय जय जय है ।